Akbar और Birbal की करामाती दुनिया में आपका स्वागत है, जहाँ ज्ञान के साथ हँसी-मजाक भी मिलता है! ये akbar birbal stories हमें महान मुग़ल सम्राट अकबर और उनके चतुर सलाहकार बीरबल के दरबार की जादुई यात्रा पर ले जाती हैं।
रंगीन पगड़ियों, भव्य महलों और मनोरंजक वार्तालापों से भरे समय की कल्पना करें जो हमें खुशी की फुहारों के साथ महत्वपूर्ण सबक सिखाते हैं।
इन कहानियों में, अकबर, अपने जिज्ञासु दिमाग के साथ, अक्सर खुद को मनोरंजक दुविधाओं में पाते हैं। उनके लिए सौभाग्य की बात है कि बीरबल, तेज़-तर्रार और थोड़ी चतुराई और हँसी-मजाक के साथ समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं।
पहेलियों को सुलझाने से लेकर मुश्किल परिस्थितियों को मात देने तक, अकबर और बीरबल के साहसिक कारनामे न केवल मनोरंजक हैं बल्कि इसमें महत्वपूर्ण संदेश भी हैं, जिन्हें छोटे से छोटा दिमाग भी समझ सकता है।
तो आइये जानते हैं अकबर और बीरबल की कहनियों के बारे में जिसमे हँसी-मजाक और मनोरंजन के साथ साथ बहुत कुछ सिखने को भी मिलेगा।
कुल कितने कौए ? (Akbar Birbal Stories)
बहुत पुराने समय की बात है, एक बार महाराज अकबर ने अपने सभी सभा सदस्योंसे एक बहुत ही अजीब सा सवाल पूछा। सवाल कुछ इस तरह से था कि – हमारे पुरे नगर में कुल कितने कौए हैं?
यह सवाल सुनते ही उस सभा में बैठे सभी मंत्री परेशान हो गए क्योंकि यह कैसे पता किया जा सकता है कि नगर में कुल कितने कौए हैं।
उसी सभा में बीरबल भी बैठे हुए थे और यह सवाल सुनकर वो हंस रहे थे। उनकी हंसी देख महाराज अकबर ने बीरबल से कहा – बीरबल तुम्हे हंसी क्यों आ रही है? क्या तुम्हे इस सवाल का जवाब पता है?
तो बीरबल ने कहा – जी महाराज, आप मुझे एक दिन का समय दे दीजिये, मैं आपको यह गिन कर बता दूंगा की हमारे नगर में कुल कितने कौए हैं। यह सुनते ही उस सभा में बैठे सभी मंत्री हैरान हो गए कि बीरबल कैसे इस प्रश्न का उत्तर ढूंढेगा।
फिर जब अगले दिन, बीरबल सभा में आया तो उसने महाराज अकबर को उनके सवाल का जवाब देते हुए कहा – महाराज मैंने सभी कौए को गिन लिया है। हमारे नगर में कुल 35 हज़ार 675 कौए हैं।
यह सुनते ही महाराज अकबर ने कहा – बीरबल, तुम इतने स्पष्ट से कैसे कह सकते हो? फिर बीरबल ने कहा की – महाराज, आप चाहे तो अपने सैनिकों को नगर में कौए को गिनने के लिए भेज सकते हैं।
अगर कौए ज्यादा हुए तो दूसरे शहर के कौए यहाँ अपने रिश्तेदारों को मिलने आये होंगे। अगर कौए कम हुए तो हमारे नगर के कौए दूसरे शहर अपने रिश्तेदारों के पास गए होंगे।
यह जवाब सुनते ही अकबर को बहुत संतोष मिला और उन्होंने ख़ुशी में बीरबल को काफी सारा सोना उपहार के रूप में दे दिया।
“अगर बुद्धि का सही इस्तमाल किया जाए तो हर सवाल का जवाब मिल जायेगा।”
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