Bhai Dooj ki Kahani in Hindi | भाई दूज की कहानी

आज के इस लेख में हम Bhai Dooj ki Kahani के बारे में बात करेंगे। भाई दूज का त्यौहार भाई बहन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार होता है। इस त्यौहार में बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती है।

इस दिन बहन अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी पूजा करती है और कथा सुनती है। तो आइए जानते हैं bhai dooj ki katha के बारे में और यह भी जानेंगे कि Bhai Dooj का त्यौहार क्यों मनाया जाता है।

Bhai Dooj ki Kahani in Hindi | Bhai Dooj ki Katha

एक समय की बात है एक गांव में एक बूढ़ी मां रहती थी। उनकी एक बेटा और एक बेटी थी और बेटी की शादी हो चुकी थी। एक दिन उनका बेटा अपनी मां से कहता है कि आज भाई दूज है और मुझे अपनी बहन के घर जाना है।

मां बोलती है की बेटा तेरी बहन तो बड़ी कलिया है। वह हमेशा झगड़ते रहती है, फिर भी तू वहां जाना चाहते है। लेकिन भाई के जिद करने पर मां ने उसे अनुमति दे दी।

Bhai dooj ki kahani

भाई अपनी बहन से  मिलने के लिए घर से निकलता है, तभी उसे रास्ते में नदी मिलती है। नदी कहती है कि मैं तेरा काल हूं और तुझे डूबा दूंगी। भाई कहता है कि मैं बहुत सालों बाद अपनी बहन से मिलने जा रहा हूं। वहां से वापस लौटने के बाद तुम मुझे डूबा देना। फिर नदी मान जाती है और उसे जाने देती है।

bhai dooj ki katha

कुछ देर चलने के बाद उसे सांप मिलता है। सांप कहता है कि मैं तुझे डस लूंगा। फिर भाई कहता है कि पहले मुझे अपनी बहन से मिल लेने दो, उसके बाद तुम मुझे डस लेना। सांप भी उसे जाने देता है।

फिर कुछ देर चलने के बाद उसे जंगल में एक शेर मिलता है। वह कहता है कि मैं तुझे खा जाऊंगा। तो भाई उसे भी वही कहता है कि पहले मुझे अपनी बहन से मिलकर आने दो, उसके बाद मुझे खा लेना। शेर भी उसे जाने दे देता है।

bhai dooj kahani

कुछ देर बाद भाई अपने बहन के घर पहुंच जाता है। वहाँ पहुंचने के बाद वह आवाज लगाता है कि देख बहन तेरा भाई बहुत दूर से तिलक लगवाने आया है। उसी वक्त उसकी बहन सूत काट रही होती है और अचानक से वह सूत टूट जाता है।

ऐसा माना जाता है कि सूट काटते समय उसके टूट जाने से बहन के इकलौते भाई से वह तब तक नहीं बात कर सकती, जब तक सूत जुड़ नहीं जाता।

भाई फिर से आवाज लगाता है और जब उसकी बहन का जवाब नहीं आता है, तब वह यह सोचता है कि मेरी बहन मुझसे बात नहीं करना चाहती। मां सही कहती थी कि मुझे यहां नहीं आना चाहिए था।

यह सोचकर वह वापस जाने लगता है। इतने में ही बहन का सूट फिर से जुड़ जाता है और वह तुरंत ही अपने भाई को आवाज लगाती है। उससे मिलने के बाद उससे बात ना करने का कारण बताती है और उसे प्यार से अंदर बुलाती है।

फिर बहन तुरंत अपने सहेली के घर जाती है और उससे पूछती है कि, अगर कोई जान से भी प्यारा मेहमान घर आता है तो क्या करना चाहिए? उसकी सहेली मजाक में कहती है कि तेल का चौका लगाना चाहिए और घी में चावल पकाना चाहिए।

बहन इतनी भोली थी कि वह अपनी सहेली का मजाक समझ नहीं पाती है और वैसा ही करती है। लेकिन ना चौका सूखता है और ना चावल पकता है।

उसका भाई उससे कहता है कि मुझे बहुत भूख लगी है, मुझे खाना परोस दो। तब बहन बोलती है कि भाई आज ना तो चौका सूख रहा है और ना ही चावल पक रहा है।

फिर भाई पूछता है कि तूने चौका कैसे लगाया और कैसे चावल चढ़ाया। बहन बताती है कि मैंने अपनी सहेली से पूछा था। उसने ही बताया कि जान से प्यारा मेहमान अगर घर आए तो तेल का चौका लगाना चाहिए और घी में चावल चढ़ाने चाहिए।

भाई बोलता है कि अरे मेरी भोली बहन, कभी तेल का चौका सूखा है और कभी घी में चावल पके हैं। तू पानी का चौका लगा और पानी में ही चावल चढ़ा। फिर वह ऐसा ही करती है।

जब चौका सूख जाता है और चावल पक जाते हैं, तब उसमें घी और शक्कर डालकर अपने भाई को परोसती है। भोजन कराने के बाद वह उसको तिलक लगाती है।

कुछ दिन बीतने के बाद, भाई बोलता है कि मैं अब घर जाऊंगा क्योंकि मां घर पर अकेली है।

फिर बहन अगले दिन सुबह जल्दी उठकर चक्की में गेंहू पीसती है और अपने भाई के लिए लड्डू बनाती है। कुछ लड्डू अपने बच्चों के लिए बचाकर बाकि लड्डू अपने भाई देकर घर से विदा करती है।

कुछ देर बाद उसके बच्चे बोलते हैं कि मां हमें भूख लग रही है। तब मां उन्हें वही लड्डू दे देती है जो उसने बचाये थे। तब वह देखती है कि सारे लड्डू हरे रंग के हो चुके हैं।

फिर वह चक्की में देखती है तब उसे पता चलता है कि उसने गेहूं के साथ-साथ एक सांप को भी पीस दिया था। तब वह उन लड्डुओं को फेंक देती है और अपने भाई को बताने के लिए पीछे भागती है।

भाई एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा होता है। तभी वह अपनी बहन को देख उससे पूछता है की तुम भाग क्यों रही हो। तब बहन अपने भाई से पूछती है की मैंने जो लड्डू दिया था वह कहां है?

भाई कहता है कि मैंने वह लड्डू अभी तक नहीं खाए हैं। बहन उन लड्डुओं को लेकर वही गड्ढा करके उसमें डाल देती है। फिर वह अपने भाई को सारी बातें बताती है। तब भाई बोलता है की शुक्रिया बहन, तूने मुझे एक मौत के मुंह से बचा लिया।

फिर वह दोनों वहीं बैठ कर बात कर रहे होते हैं, तभी बहन अपने भाई से पानी मांगती है। भाई बोलता है कि कुछ ही दूरी पर तालाब है, मैं वहां से पानी लेकर आता हूं।

बहन बोलती है कि मैं खुद ही वहां जाकर पानी पी लेती हूं। जब वह तालाब के पास पहुंचती है तो वह देखती है कि वहां एक बूढ़ी मां बैठी हुई है। वह उनसे पूछती है कि मां तुम यहां क्यों बैठी हो?

तब बूढ़ी मां कहती है कि मैं विधाता हूं और एक बहन के भाई की तांत गढ़ रही हूं। तब बहन पूछती है की, हे माता वह भाई कौन है। तब विधाता कहती है – है एक भाई, जिसके प्यार में उसकी बहन ने एक सांप की हत्या कर दी।

बहन मन ही मन में सोचती है यह तो मेरा ही भाई है। वह पूछती है कि, हे विधाता उस भाई को इस श्राप से बचाने के लिए क्या करना होगा। विधाता कहती है कि उसकी बहन जब उसे गालियां दे और उसकी शादी होने तक यदि वह हर घात को टाल देती है तो उसका भाई बच सकता है।

वह तुरंत ही अपने भाई के पास जाती है और कहती है कि मैं तुम्हें मां के पास छोड़ने जाऊंगी और उसे कुछ देर रुकने के लिए कहती है। थोड़ी देर बाद वह शेर के लिए मांस, सांप के लिए दूध और नदी के लिए ओढ़नी लेकर आती है।

bhai dooj katha

दोनों भाई-बहन घर के लिए निकलते हैं। रास्ते में उन्हें पहले शेर मिलता है। जैसे ही वह भाई को खाने के लिए आगे आता है, तब बहन उसके सामने मांस का टुकड़ा डाल देती है। शेर मांस के टुकड़े को खाने में लग जाता है।

bhai dooj ki katha

फिर कुछ देर चलने के बाद उन्हें सांप मिलता है। जैसे ही सांप भाई को डसने के लिए आगे आता है, बहन उसके सामने दूधकी प्याली रख देती है और वह दूध पीने लग जाता है।

bhai dooj ki kahani in hindi

थोड़ी देर चलने के बाद उन्हें नदी मिलती है, जो भाई को डुबाने के लिए तैयार रहती है। लेकिन बहन नदी को ओढ़नी ओढ़ा देती है, जिससे खुश होकर नदी उन्हें रास्ता दे देती है। फिर वह दोनों भाई बहन आगे बढ़ते हैं और अपने घर पहुंच जाते हैं।

बेटी को देख कर माँ बहुत खुश हो जाती है। लेकिन उसी वक्त बहन अपने भाई को गालियां देने लगती है। तब मां बेटे से कहती है कि इस कलिया बहन को क्यों ले आया।

तब भाई कहता है कि मां बहन तो बहुत अच्छी थी, लेकिन पता नहीं अचानक से इसे क्या हो गया। थोड़े दिनों बाद भाई के लिए रिश्ता आता है।

जब ससुराल वाले सगाई की मिठाई लाते हैं, तब बहन कहती है इसकी मिठाई क्यों बांट रहे हो पहले मेरी मिठाई बांटो। तभी बड़े बुजुर्ग बोलते हैं कि इसे भी भाई के साथ बिठा दो।

तभी वहां घर में आग लग जाती है। लेकिन बहन को तो पता था कि उसके भाई की घात है। उसने तुरंत ही पानी डालकर आग बुझा दी।

कुछ दिन बाद शादी के कार्यक्रम शुरू होते हैं। लेकिन बहन हर वक्त अपने भाई के साथ रहती है। जब भाई की निकासी हो रही थी, तब बहन कहती है कि इसकी निकासी क्या कर रहे हो। पहले मेरी निकासी करो और इसे पीछे के दरवाजे से लेकर जाओ।

बहन के ऐसा कहते ही आगे का दरवाजा टूट कर गिर जाता है। यह देख कर सब कहते हैं कि भले ही बहन कलिया है, लेकिन भाई की जान बचा रही है। जब भाई फेरों में बैठता है तब बहन फिर कहती है की इसकी जगह मैं फेरों में बैठूंगी।

शादी होने के बाद जब दूल्हा-दुल्हन की रात जागती है, तब बहन कहती है कि सबसे पहले मेरी रात जगाओ। कई लोग बोलते हैं कि बीच में पर्दा लगाकर इसे भी साथ में सुला दो।

रात में जब भैया-भाभी सो जाते हैं, तभी वहां पर एक सांप आ जाता है। लेकिन बहन पहले से ही तैयार थी। वह सांप को पकड़कर टोकरी में रखकर सो जाती है। आज वह कितने दिनों बाद निश्चिंत होकर सो रही होती है।

सुबह होने के बाद मां सोचती है कि बेटी के उठने से पहले ही मेहमानों को विदा कर देती हूं, नहीं तो यह फिर से शोर मचाएगी। जब बेटी उठती है और देखती है कि घर पर कोई नहीं है, तब अपने मां से पूछती है कि सब मेहमान कहां चले गए?

मां कहती है कि बेटी मैंने सभी मेहमानों को विदा कर दिया है। फिर बेटी कहती है कि मां सभी मेहमानों को वापस बुलाओ, तभी मैं विदा होउंगी। फिर उसके कहने के अनुसार मां सभी मेहमानों को वापस बुला लेती है।

तब वह मां से कहती है कि मां मैंने आज के दिन के लिए ही पालने में पूत और चूल्हे पर दूध छोड़ा था और पागल हो गई थी। मेरे भाई पर सात घाट थे और उन्हें टालने के लिए ही मैं यह सब कर रही थी।

उसकी यह बात सुनकर मां और भाई बहुत खुश हो जाते हैं। सबसे पहले मां अपनी बेटी को विदा करती है और उसके बाद सभी मेहमानों को विदा करती है।

इस दिन के बाद से बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करते हुए भाई दूज का त्यौहार मनाने लगी। इस दिन हर बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और यह bhai dooj ki kahani सुनती है।

हम आशा करते हैं कि आप को Bhai dooj ki kahani बहुत पसंद आई होगी। अगर आपको यह bhai dooj katha पसंद आई है, तो कृपया इसे अपनी बहन और अन्य दोस्तों के साथ शेयर करें।

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